- पद 1-2: ये पद हमें बताते हैं कि जो लोग परमप्रधान की शरण में रहते हैं, वे सर्वशक्तिमान की छाया में सुरक्षित रहते हैं। इसका अर्थ है कि हमें ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए और उसे अपना शरणस्थान बनाना चाहिए। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम हर खतरे से सुरक्षित रहते हैं।
- पद 3-4: ये पद हमें बताते हैं कि ईश्वर हमें हर प्रकार के खतरे से बचाता है, चाहे वह बहेलिये का जाल हो या घातक मरी। वह हमें अपने पंखों से ढाँप लेता है और हमें शरण देता है। इसका अर्थ है कि हमें डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि ईश्वर हमेशा हमारी रक्षा करता है।
- पद 5-8: ये पद हमें बताते हैं कि हमें रात के भय से या दिन में उड़ने वाले तीर से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। ईश्वर हमें हर प्रकार के विनाश से बचाता है। इसका अर्थ है कि हमें अपने जीवन में शांति और सुरक्षा का अनुभव करना चाहिए, क्योंकि ईश्वर हमेशा हमारे साथ है।
- पद 9-13: ये पद हमें बताते हैं कि यदि हम ईश्वर को अपना शरणस्थान बनाते हैं, तो कोई भी विपत्ति हम पर नहीं पड़ेगी। ईश्वर अपने स्वर्गदूतों को हमारी रक्षा करने के लिए भेजेगा। वे हमें अपने हाथों पर उठा लेंगे ताकि हमारा पाँव पत्थर से न टकराए। इसका अर्थ है कि ईश्वर हमेशा हमारी देखभाल करता है और हमें हर प्रकार के खतरे से बचाता है।
- पद 14-16: ये पद हमें बताते हैं कि जो लोग ईश्वर से प्रेम करते हैं, ईश्वर उन्हें छुड़ाएगा और उन्हें ऊँचे स्थान पर रखेगा। जब हम ईश्वर को पुकारते हैं, तो वह हमारी सुनता है और हमें संकट में बचाता है। ईश्वर हमें दीर्घायु से तृप्त करेगा और अपना उद्धार दिखाएगा। इसका अर्थ है कि ईश्वर हमें अनन्त जीवन का वादा करता है और हमें हमेशा के लिए अपनी उपस्थिति में रखेगा।
- सुरक्षा का आश्वासन: यह स्तोत्र हमें सुरक्षा का आश्वासन देता है। यह हमें बताता है कि जो लोग ईश्वर पर भरोसा रखते हैं, वे हर खतरे से सुरक्षित रहेंगे।
- शांति और सांत्वना: यह स्तोत्र हमें शांति और सांत्वना प्रदान करता है। यह हमें याद दिलाता है कि ईश्वर हमेशा हमारे साथ है और हमें कभी नहीं छोड़ेगा।
- विश्वास की प्रेरणा: यह स्तोत्र हमें विश्वास की प्रेरणा देता है। यह हमें प्रोत्साहित करता है कि हम ईश्वर पर भरोसा रखें, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों।
- उद्धार का वादा: यह स्तोत्र हमें उद्धार का वादा करता है। यह हमें बताता है कि जो लोग ईश्वर से प्रेम करते हैं, वे अनन्त जीवन पाएंगे।
- दैनिक प्रार्थना: आप इस स्तोत्र को अपनी दैनिक प्रार्थना में शामिल कर सकते हैं। इसे सुबह और शाम को पढ़ना आपको ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव कराएगा और आपको शांति और सुरक्षा की भावना प्रदान करेगा।
- संकट के समय: जब आप किसी संकट का सामना कर रहे हों, तो इस स्तोत्र को पढ़ना आपको शक्ति और साहस प्रदान करेगा। यह आपको याद दिलाएगा कि ईश्वर हमेशा आपके साथ है और आपको कभी नहीं छोड़ेगा।
- सुरक्षा के लिए प्रार्थना: आप इस स्तोत्र का उपयोग अपने और अपने प्रियजनों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने के लिए कर सकते हैं। यह स्तोत्र आपको यह विश्वास दिलाएगा कि ईश्वर हमेशा आपकी रक्षा करेगा।
- मनन और चिंतन: आप इस स्तोत्र पर मनन और चिंतन कर सकते हैं। इसके प्रत्येक पद के अर्थ को समझने की कोशिश करें और यह जानने की कोशिश करें कि यह आपके जीवन में कैसे लागू होता है।
आज हम हिंदी कैथोलिक बाइबिल में भजन संहिता 91 के गहरे अर्थ और महत्व का पता लगाएंगे। यह शक्तिशाली भजन, जो सुरक्षा, आश्वासन और ईश्वर के अटूट प्रेम से भरा है, अनगिनत विश्वासियों के लिए आशा और सांत्वना का स्रोत रहा है। चलो, हम मिलकर इस खूबसूरत स्तोत्र के शब्दों का अध्ययन करें और जानें कि यह हमारे जीवन में कैसे शक्ति और शांति ला सकता है।
भजन संहिता 91 का परिचय
भजन संहिता 91, जिसे सुरक्षा का भजन भी कहा जाता है, एक ऐसा स्तोत्र है जो हमें ईश्वर की सुरक्षा और देखभाल का आश्वासन देता है। यह हमें बताता है कि जो लोग सर्वशक्तिमान की शरण में रहते हैं, वे हर खतरे से सुरक्षित रहेंगे। यह स्तोत्र हमें यह याद दिलाता है कि ईश्वर हमारा आश्रय है और हमें डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस भजन में, हम ईश्वर के वादों को सुनते हैं और उन पर विश्वास करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमें ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। भजन संहिता 91 हमें एक शक्तिशाली संदेश देता है कि ईश्वर हमेशा हमारे साथ है और हमें कभी नहीं छोड़ेगा। इस स्तोत्र का पाठ करना और इस पर मनन करना हमें शांति और सुरक्षा की भावना प्रदान करता है। हम सभी को इस स्तोत्र को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए ताकि हम ईश्वर की उपस्थिति को महसूस कर सकें और उसके वादों पर विश्वास कर सकें।
यह स्तोत्र न केवल हमें सुरक्षा का आश्वासन देता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि हमें कैसे ईश्वर के करीब रहना चाहिए। यह हमें प्रार्थना करने, ईश्वर के वचनों का पालन करने और दूसरों के साथ प्रेम और दया दिखाने के लिए प्रोत्साहित करता है। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम ईश्वर के और करीब आते हैं और उसकी सुरक्षा और आशीर्वाद का अनुभव करते हैं। भजन संहिता 91 हमें एक संपूर्ण जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन करता है, जो ईश्वर के प्रति विश्वास और प्रेम पर आधारित है। यह स्तोत्र हमें याद दिलाता है कि ईश्वर हमेशा हमारे साथ है और हमें कभी नहीं छोड़ेगा, चाहे हम कितनी भी मुश्किल परिस्थितियों का सामना क्यों न करें। इसलिए, हमें इस स्तोत्र को हमेशा अपने दिल में रखना चाहिए और इसके संदेशों का पालन करना चाहिए। भजन संहिता 91 वास्तव में एक अनमोल उपहार है, जो हमें ईश्वर की सुरक्षा और प्रेम का अनुभव कराता है। यह स्तोत्र हमें सिखाता है कि हमें हर परिस्थिति में ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए।
भजन संहिता 91 का मूल पाठ (हिंदी में)
यहाँ भजन संहिता 91 का मूल पाठ हिंदी में दिया गया है:
1 जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में रहता है, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाता है। 2 मैं यहोवा के विषय में कहूँगा, “वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है, मेरा परमेश्वर, जिस पर मैं भरोसा रखता हूँ।” 3 निश्चय ही वह तुझे बहेलिये के जाल से, और घातक मरी से बचाएगा। 4 वह तुझे अपने पंखों से ढाँप लेगा, और तू उसके पंखों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई ढाल और झिलम होगी। 5 तू न तो रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन में उड़ता है, 6 न उस मरी से जो अंधेरे में फैलती है, और न उस विनाश से जो दोपहर को उजाड़ता है। 7 तेरे निकट हजार गिरेंगे, और तेरे दाहिनी ओर दस हजार, परन्तु वह तुझ तक न आएगा। 8 तू अपनी आँखों से देखेगा, और दुष्टों का फल देखेगा। 9 क्योंकि तूने यहोवा को जो मेरा शरणस्थान है, और परमप्रधान को अपना निवास स्थान बनाया है, 10 इसलिए कोई विपत्ति तुझ पर न पड़ेगी, और न कोई दुःख तेरे डेरे के निकट आएगा। 11 क्योंकि वह अपने स्वर्गदूतों को तेरे विषय में आज्ञा देगा, कि वे तेरी सब मार्गों में तेरी रक्षा करें। 12 वे तुझे अपने हाथों पर उठा लेंगे, कहीं ऐसा न हो कि तेरा पाँव पत्थर से टकराए। 13 तू सिंह और नाग को रौंदेगा, तू जवान सिंह और अजगर को कुचलेगा। 14 “क्योंकि उसने मुझ से प्रेम किया है, इसलिए मैं उसे छुड़ाऊँगा; मैं उसे ऊँचे स्थान पर रखूँगा, क्योंकि उसने मेरा नाम जाना है। 15 वह मुझ को पुकारेगा, और मैं उसकी सुनूँगा; मैं संकट में उसके संग रहूँगा, मैं उसे छुड़ाकर उसकी महिमा बढ़ाऊँगा। 16 मैं उसे दीर्घायु से तृप्त करूँगा, और अपना उद्धार उसे दिखाऊँगा।”
इस स्तोत्र में, हम ईश्वर की सुरक्षा और प्रेम के बारे में पढ़ते हैं। यह हमें बताता है कि जो लोग ईश्वर पर भरोसा रखते हैं, वे हर खतरे से सुरक्षित रहेंगे। यह स्तोत्र हमें यह भी याद दिलाता है कि ईश्वर हमेशा हमारे साथ है और हमें कभी नहीं छोड़ेगा।
भजन संहिता 91 की व्याख्या
भजन संहिता 91 एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो हमें ईश्वर की सुरक्षा और प्रेम का आश्वासन देता है। इस भजन के प्रत्येक पद में गहरा अर्थ छिपा हुआ है, जो हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। चलिए, हम इस स्तोत्र के कुछ महत्वपूर्ण पदों की व्याख्या करते हैं:
भजन संहिता 91 का महत्व
भजन संहिता 91 का महत्व बहुत अधिक है, खासकर आज के समय में जब दुनिया में इतनी अनिश्चितता और भय का माहौल है। यह स्तोत्र हमें ईश्वर की शक्ति और प्रेम का स्मरण कराता है और हमें यह विश्वास दिलाता है कि वह हमेशा हमारी रक्षा करेगा।
भजन संहिता 91 एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। यह हमें ईश्वर की सुरक्षा, प्रेम और उद्धार का आश्वासन देता है। इसलिए, हमें इस स्तोत्र को हमेशा अपने दिल में रखना चाहिए और इसके संदेशों का पालन करना चाहिए।
भजन संहिता 91 का उपयोग
भजन संहिता 91 का उपयोग कई तरीकों से किया जा सकता है। यह स्तोत्र न केवल हमें सुरक्षा का आश्वासन देता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि हमें कैसे ईश्वर के करीब रहना चाहिए।
निष्कर्ष
भजन संहिता 91 एक अनमोल उपहार है जो हमें ईश्वर की सुरक्षा, प्रेम और उद्धार का अनुभव कराता है। यह स्तोत्र हमें सिखाता है कि हमें हर परिस्थिति में ईश्वर पर भरोसा रखना चाहिए और कभी भी हार नहीं माननी चाहिए। इसलिए, हमें इस स्तोत्र को हमेशा अपने दिल में रखना चाहिए और इसके संदेशों का पालन करना चाहिए। यह स्तोत्र न केवल हमें सुरक्षा का आश्वासन देता है, बल्कि हमें यह भी सिखाता है कि हमें कैसे ईश्वर के करीब रहना चाहिए। यह हमें प्रार्थना करने, ईश्वर के वचनों का पालन करने और दूसरों के साथ प्रेम और दया दिखाने के लिए प्रोत्साहित करता है। जब हम ऐसा करते हैं, तो हम ईश्वर के और करीब आते हैं और उसकी सुरक्षा और आशीर्वाद का अनुभव करते हैं। भजन संहिता 91 हमें एक संपूर्ण जीवन जीने के लिए मार्गदर्शन करता है, जो ईश्वर के प्रति विश्वास और प्रेम पर आधारित है।
इसलिए, आइए हम सभी मिलकर भजन संहिता 91 का अध्ययन करें और इसके संदेशों को अपने जीवन में लागू करें। यह स्तोत्र हमें ईश्वर की शक्ति और प्रेम का अनुभव कराएगा और हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा। ईश्वर हम सभी को आशीर्वाद दे!
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